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श्लोक : 27 / 78

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
क्रियाओं के फलों में आनंदित होने वाला; हमेशा इच्छा के साथ कार्य करने वाला; बड़ी आसक्ति से कार्य करने वाला; हानि पहुँचाने की सोच के साथ कार्य करने वाला; अशुद्धता से कार्य करने वाला; और, आनंद और दुःख से भरे कार्यों में लिप्त रहने वाला; ऐसा कार्य करने वाला व्यक्ति राजस गुण के साथ होता है।
राशी मकर
नक्षत्र मूल
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, वित्त, परिवार
इस भगवद गीता श्लोक में, राजस गुण वाले लोगों के कार्यों का वर्णन है। मकर राशि और पूर्वा नक्षत्र वाले लोग, शनि ग्रह के प्रभाव से, व्यवसाय और वित्तीय मामलों में अधिक ध्यान देंगे। वे अक्सर कार्यों के फलों में ही आनंद देखते हैं। यह उनके पारिवारिक जीवन में कभी-कभी समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है। व्यवसाय में प्रगति के लिए वे अधिक मेहनत करेंगे, लेकिन आसक्ति के कारण कभी-कभी गलत निर्णय ले सकते हैं। वित्तीय प्रबंधन पर ध्यान देकर, कर्ज और खर्चों को नियंत्रित करना चाहिए। परिवार की भलाई में शामिल होकर, रिश्तों को सुधारने से मानसिक स्थिति को संतुलित किया जा सकता है। शनि ग्रह के प्रभाव के कारण, उन्हें धैर्यपूर्वक कार्य करना चाहिए और दीर्घकालिक लाभ की ओर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। इससे जीवन और अधिक अर्थपूर्ण बन जाएगा।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।