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श्लोक : 6 / 20

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
मेरे उस स्थान को सूर्य, चंद्र या अग्नि भी प्रकाशित नहीं कर सकते; मेरे उच्चतम निवास में आने वाला कभी लौटता नहीं।
राशी मकर
नक्षत्र श्रवण
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, परिवार, स्वास्थ्य
इस भगवद गीता श्लोक में भगवान कृष्ण द्वारा वर्णित परमात्मा की स्थिति, मकर राशि और तिरुवोणम नक्षत्र में जन्मे लोगों के लिए बहुत उपयुक्त है। शनि ग्रह इनकी जिंदगी में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शनि ग्रह के आशीर्वाद से, ये व्यवसायिक जीवन में धैर्य और संयम से कार्य करेंगे। व्यवसाय में उन्नति के अवसर अधिक होंगे। परिवार में शांति और खुशी बनी रहेगी, स्वास्थ्य में सुधार होगा। शनि ग्रह के प्रभाव के कारण, ये हमेशा अपनी जिम्मेदारियों को समझकर कार्य करेंगे। स्वास्थ्य पर ध्यान देकर, संतुलित खान-पान की आदतों का पालन करना चाहिए। पारिवारिक संबंधों और जिम्मेदारियों को अच्छी तरह से प्रबंधित करने के लिए मानसिक स्थिति स्थिर रहेगी। ये जीवन में स्थायी खुशी प्राप्त करने के लिए भगवान कृष्ण की शिक्षाओं का पालन करते हुए आध्यात्मिक विकास की ओर बढ़ना चाहिए। इस प्रकार, भगवान कृष्ण के परमात्मा स्थान को प्राप्त करने का मार्ग यह श्लोक दिखाता है।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।