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श्लोक : 36 / 42

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
धोखेबाजों के बीच, मैं जुआ; चमत्कारों के बीच, मैं अद्भुत; मैं विजय; मैं स्वयं निर्णय; शक्तिशाली लोगों के बीच, मैं बल हूँ।
राशी सिंह
नक्षत्र मघा
🟣 ग्रह सूर्य
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, परिवार, मानसिक स्थिति
इस भगवद गीता श्लोक में, भगवान कृष्ण अपनी दिव्य शक्ति को स्पष्ट करते हैं। सिंह राशि और मघा नक्षत्र वाले लोगों के लिए सूर्य महत्वपूर्ण ग्रह है। सूर्य, ऊर्जा, विजय और निर्णय का प्रतीक है। व्यवसायिक जीवन में, यह श्लोक आपको विजय के लिए प्रयास करने के लिए प्रेरित करता है। सूर्य की शक्ति से, आप अपने व्यवसाय में आगे बढ़ सकते हैं। परिवार में, आपके निर्णय और ऊर्जा पारिवारिक कल्याण में सहायक होंगे। मानसिक स्थिति में, दिव्यता के आधार को समझकर कार्य करने से मानसिक संतोष प्राप्त किया जा सकता है। इस प्रकार, कृष्ण की दिव्य शक्ति आपके जीवन के कई आयामों में प्रकट होती है। अपनी मानसिक स्थिति को मजबूत बनाए रखें, परिवार और व्यवसाय को संतुलित करके आगे बढ़ें।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।