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श्लोक : 34 / 34

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
हमेशा मेरे बारे में सोचो; मेरे भक्त बनो; मेरी पूजा करो; मुझे बलिदान अर्पित करो; इस प्रकार, मुझे पूरी तरह से अमृतित करके, अपनी आत्मा को मुझे अर्पित करो।
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, परिवार, स्वास्थ्य
इस भगवद गीता श्लोक में भगवान कृष्ण अपने प्रति पूर्ण भक्ति अर्पित करने के लिए कहते हैं। मकर राशि में जन्मे लोग आमतौर पर अपने व्यवसाय में मेहनती होते हैं। उत्तराद्रा नक्षत्र उन्हें मजबूत मानसिकता और आत्मविश्वास प्रदान करता है। शनि ग्रह उनके जीवन में आत्म-ज्ञान की ओर ले जाता है। व्यवसायिक जीवन में, भगवान कृष्ण के शब्दों का पालन करते हुए, अपने कार्यों को दिव्यता के साथ जोड़कर, मानसिक शांति के साथ आगे बढ़ सकते हैं। परिवार में, भगवान पर विश्वास रखते हुए, प्रेम और करुणा के साथ संबंधों को बनाए रख सकते हैं। स्वास्थ्य में, दिव्यता की याद से, मन की शांति और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है। इस प्रकार, भगवान कृष्ण की उपदेशों का पालन करते हुए, जीवन के सभी क्षेत्रों में लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।