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श्लोक : 29 / 34

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
मैं सभी जीवों के लिए समान हूँ; मेरे लिए कोई शत्रु नहीं है; मेरे लिए कोई मित्र नहीं है; लेकिन जब एक व्यक्ति मेरी पूजा करता है, तो मैं निश्चित रूप से उसके भीतर निवास करता हूँ।
राशी मकर
नक्षत्र श्रवण
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, परिवार, दीर्घायु
इस भगवद गीता श्लोक के आधार पर, मकर राशि और तिरुवोणम नक्षत्र में जन्मे लोगों के लिए शनि ग्रह का प्रभाव महत्वपूर्ण है। शनि ग्रह की प्रकृति के कारण, ये लोग व्यवसाय में बहुत प्रयास और धैर्य के साथ कार्य करेंगे। व्यवसाय की वृद्धि के लिए वे कठिन परिश्रम को आधार मानकर आगे बढ़ेंगे। परिवार में संतुलन और निकटता महत्वपूर्ण है। भगवान कृष्ण की उपदेश के समान, परिवार के रिश्तों में प्रेम और शत्रुता के बिना समानता से व्यवहार करना चाहिए। दीर्घकालिक जीवन प्राप्त करने के लिए, स्वस्थ जीवनशैली का पालन करना चाहिए। भक्ति और संतुलन जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। व्यवसाय और परिवार में संतुलन बनाए रखकर दीर्घकालिक कल्याण प्राप्त किया जा सकता है। भगवान कृष्ण की उपदेश के अनुसार, भक्ति और विश्वास के साथ जीना जीवन में शांति प्रदान करता है।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।