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श्लोक : 24 / 34

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
मैं निश्चित रूप से सभी बलियों का अनुभव करने वाला हूँ, मैं ही यजमान हूँ; लेकिन जो मुझे वास्तव में पहचानते नहीं हैं, वे दिव्य स्थिति से गिर जाएंगे।
राशी मकर
नक्षत्र श्रवण
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, वित्त, परिवार
इस भगवद गीता श्लोक के आधार पर, मकर राशि और तिरुवोणम नक्षत्र में जन्मे लोगों के लिए शनि ग्रह का प्रभाव महत्वपूर्ण होगा। शनि ग्रह कठिन परिश्रम और धैर्य का प्रतीक है। व्यवसाय और वित्त से संबंधित मामलों में, शनि ग्रह की कृपा से वे स्थिरता के साथ आगे बढ़ सकते हैं। व्यवसाय में सफलता पाने के लिए, उन्हें दिव्य कृपा को समझकर कार्य करना चाहिए। परिवार के कल्याण में, उनकी जिम्मेदारियों को समझकर, दिव्य कृपा की ओर ध्यान देकर कार्य करने पर परिवार में शांति बनी रहेगी। वित्तीय मामलों में, ऋण और खर्चों को दिव्य कृपा के साथ योजना बनाकर कार्य करने पर वित्तीय स्थिति में सुधार होगा। इस प्रकार, दिव्य कृपा को समझकर कार्य करने से, मकर राशि और तिरुवोणम नक्षत्र में जन्मे लोग जीवन में प्रगति कर सकते हैं।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।