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श्लोक : 22 / 34

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
जो मनुष्य हमेशा मेरी पूजा करता है, मैं उसे बिना किसी रुकावट के उसकी इच्छित संपत्ति और कल्याण प्रदान करता हूँ।
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, वित्त, परिवार
इस भगवद गीता के श्लोक में, भगवान श्री कृष्ण भक्तों को दी जाने वाली सुरक्षा और संरक्षण का उल्लेख करते हैं। मकर राशि में जन्मे लोग, यदि उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में जन्मे हैं, तो शनि ग्रह का प्रभाव उनके जीवन में महत्वपूर्ण होगा। शनि ग्रह व्यवसाय और वित्त से संबंधित मामलों में चुनौतियाँ उत्पन्न कर सकता है, लेकिन साथ ही, कठिन परिश्रम के माध्यम से सफलता प्राप्त करने का मार्गदर्शन भी करता है। व्यवसाय जीवन में, मकर राशि और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के लोग अपनी कोशिश में दृढ़ रहना चाहिए। कृष्ण की कृपा से, वे सामना की जाने वाली चुनौतियों को पार करके आगे बढ़ सकते हैं। वित्तीय मामलों में, शनि ग्रह समस्याएँ उत्पन्न कर सकता है, लेकिन भगवान की कृपा से, वे वित्तीय स्थिति को सुधार सकते हैं। पारिवारिक जीवन में, भगवान पर विश्वास करके कार्य करने पर, परिवार की भलाई में प्रगति देखी जा सकती है। इस प्रकार, भगवान पर पूर्ण विश्वास रखकर कार्य करने पर, व्यवसाय, वित्त और पारिवारिक जीवन में लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।