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श्लोक : 23 / 28

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
भरत कुल में श्रेष्ठ व्यक्ति, इस संसार से मृत्यु के समय के आधार पर, निश्चित रूप से वापस आएगा या नहीं; मैं अब तुम्हें उन मृत्यु के समयों के बारे में बताने जा रहा हूँ।
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, परिवार, मानसिक स्थिति
भगवत गीता के इस श्लोक में भगवान कृष्ण मृत्यु के समय मानसिक स्थिति के महत्व को बताते हैं। मकर राशि और उत्तराद्रा नक्षत्र वाले लोगों के लिए शनि ग्रह महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। शनि ग्रह व्यवसाय और पारिवारिक जीवन में स्थिरता बनाने में मदद करता है। व्यवसाय में प्रगति के लिए, मानसिक स्थिति को स्थिर करना और आत्मविश्वास के साथ कार्य करना आवश्यक है। परिवार में अच्छे संबंध बनाए रखने के लिए जिम्मेदारी से कार्य करना आवश्यक है। मानसिक स्थिति का स्थिर रहना, जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करने में मदद करता है। मानसिक स्थिति को स्थिर रखने के माध्यम से, हम अपने व्यवसाय और पारिवारिक जीवन में अच्छी प्रगति प्राप्त कर सकते हैं। मानसिक शांति और विश्वास, हमारे जीवन के विभिन्न क्षेत्रों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। इस प्रकार, हमारे जीवन यात्रा में लाभ प्राप्त किया जा सकता है।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।