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श्लोक : 19 / 30

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
कई जन्मों के अंत में, ज्ञानी मुझमें शरण लेते हैं; वह ज्ञानी जो 'मैं सब कुछ हूँ' यह अच्छी तरह जानता है; ऐसा महान आत्मा बहुत दुर्लभ है।
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, वित्त, परिवार
इस भगवद गीता श्लोक में, भगवान श्री कृष्ण ज्ञान के उच्चतम स्तर को स्पष्ट करते हैं। मकर राशि में जन्मे लोग, उत्तराद्रा नक्षत्र और शनि ग्रह के प्रभाव में होने के कारण, वे जीवन में स्थिरता और जिम्मेदारी से कार्य करेंगे। व्यवसाय और वित्तीय क्षेत्रों में वे कठिन परिश्रम के माध्यम से सफलता प्राप्त करेंगे। परिवार में वे जिम्मेदारी से कार्य करने के कारण, परिवार के कल्याण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इस श्लोक का संदेश, 'मैं सब कुछ हूँ' ज्ञान को प्राप्त करके, वे व्यवसाय और वित्तीय क्षेत्रों में दीर्घकालिक सफलता प्राप्त कर सकते हैं। परिवार में सामंजस्य और एकता बनेगी। शनि ग्रह उनके लिए जिम्मेदारी की भावना को बढ़ाता है, जिससे वे जीवन के सभी क्षेत्रों में सफलता प्राप्त करेंगे। इस प्रकार, भगवान के प्रति भक्ति और ज्ञान, उनके जीवन में शांति और खुशी लाएगा।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।