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श्लोक : 11 / 29

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
बंधन को छोड़कर, ज्ञानवान व्यक्ति आत्मा की शुद्धता के लिए अपने शरीर, मन, बुद्धि और इंद्रियों के साथ कार्य करता है।
राशी मकर
नक्षत्र श्रवण
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, परिवार, स्वास्थ्य
इस भगवद गीता श्लोक में, भगवान कृष्ण बंधनों को छोड़कर कार्य करने वाले ज्ञानी की स्थिति का वर्णन करते हैं। मकर राशि और तिरुवोणम नक्षत्र वाले लोग, शनि ग्रह के प्रभाव से संन्यास और कर्तव्य को प्राथमिकता देंगे। व्यवसायिक जीवन में, वे बंधनों को छोड़कर, अपनी जिम्मेदारियों को ईमानदारी से पूरा करेंगे। इससे, वे व्यवसाय में उन्नति और विश्वसनीयता प्राप्त करेंगे। परिवार में, बंधनों के बिना कार्य करने से, वे परिवार के कल्याण में संतुलन बनाए रखेंगे। स्वास्थ्य में, मानसिक तनाव कम होने से शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होगा। इस प्रकार, बंधनों को छोड़कर कार्य करने से, वे जीवन में शांति और आध्यात्मिक विकास प्राप्त करेंगे। यह उनके दीर्घकालिक स्वास्थ्य को भी सुनिश्चित करेगा। इस श्लोक का संदेश, मकर राशि और तिरुवोणम नक्षत्र वाले लोगों को उनके जीवन में बंधनों को कम करने और आध्यात्मिक विकास प्राप्त करने में मदद करेगा।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।