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श्लोक : 58 / 78

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
यदि तुम हमेशा मुझे याद करोगे, तो मेरी कृपा से तुम अपनी सभी दुखों को पार कर जाओगे; इसलिए, यदि तुम्हारे अहंकार के कारण, तुम मुझसे नहीं पूछते, तो तुम छिप जाओगे।
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, परिवार, स्वास्थ्य
इस भगवद गीता श्लोक में भगवान कृष्ण की शिक्षा, मकर राशि और उत्तराद्रा नक्षत्र में जन्मे लोगों के लिए बहुत उपयुक्त है। शनि ग्रह के प्रभाव के कारण, वे जीवन में कठिन परिश्रम के साथ, व्यवसाय और पारिवारिक जीवन में सफलता प्राप्त कर सकते हैं। शनि ग्रह की स्थिर ऊर्जा, व्यवसाय में उन्नति और परिवार में स्थायी संबंधों के लिए सहायक होगी। लेकिन, शनि ग्रह की चुनौतीपूर्ण पक्षों का सामना करने के लिए, भगवान की कृपा की कामना करके, अहंकार को छोड़कर, आत्मविश्वास के साथ कार्य करना चाहिए। स्वास्थ्य महत्वपूर्ण है, क्योंकि शनि ग्रह शारीरिक स्वास्थ्य में चुनौतियाँ उत्पन्न कर सकता है। इसलिए, स्वस्थ भोजन की आदतें और व्यायाम का पालन करना चाहिए। परिवार में प्रेम और विश्वास बढ़ाने से जीवन सुचारू रहेगा। व्यवसाय में, शनि ग्रह की नीतियों का पालन करके, धैर्यपूर्वक कार्य करने से दीर्घकालिक सफलता प्राप्त की जा सकती है। भगवान कृष्ण की शिक्षा को ध्यान में रखते हुए, ईश्वर की कृपा में विश्वास करके कार्य करना जीवन को बेहतर बनाता है।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।