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श्लोक : 56 / 78

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
एक व्यक्ति हमेशा सभी कार्य करता है, फिर भी वह मुझमें शरण लेकर शाश्वत, अविनाशी निवास को प्राप्त करता है।
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, वित्त, परिवार
इस भगवद गीता श्लोक के आधार पर, मकर राशि में जन्मे लोग उत्तराधाम नक्षत्र में शनि ग्रह के प्रभाव में होने के कारण, वे जीवन में कठिन परिश्रम के माध्यम से उन्नति करेंगे। व्यवसाय और वित्तीय क्षेत्रों में उन्हें जो चुनौतियाँ मिलेंगी, वे शनि ग्रह के ज्ञान और अनुभव के माध्यम से हल होंगी। व्यवसाय में उनके प्रयास, कठिन परिश्रम के साथ जिम्मेदारी की भावना के माध्यम से सफलता प्राप्त करेंगे। वित्तीय स्थिति में, वे योजनाबद्ध खर्चों के माध्यम से वित्तीय स्थिरता को बढ़ा सकते हैं। पारिवारिक जीवन में, वे जिम्मेदारी से कार्य करके अच्छे संबंध बनाएंगे। भगवान कृष्ण की उपदेश का पालन करते हुए, उन्हें सभी कार्य भगवान को समर्पित करने चाहिए। इससे मानसिक शांति प्राप्त होगी। व्यवसाय में सफलता पाने, वित्तीय स्थिति को सुधारने और पारिवारिक कल्याण को बनाए रखने के लिए, उन्हें ध्यान और भक्ति के साथ कार्य करना चाहिए। भगवान की शरण से, वे जीवन के सभी क्षेत्रों में शांति और संतुलन प्राप्त करेंगे।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।