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श्लोक : 14 / 78

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
कार्य के अंतर्गत विषय, कार्य करने वाला, विभिन्न प्रकार के कारण, विभिन्न प्रयास और अवसर; ये सभी पांच कारण हैं।
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, परिवार, दीर्घायु
इस भगवद गीता श्लोक में, कार्य करने के लिए पांच प्रमुख कारणों का उल्लेख किया गया है। मकर राशि और उत्तराद्रा नक्षत्र वाले लोगों के लिए, ये कारण व्यवसाय और पारिवारिक जीवन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। शनि ग्रह, मकर राशि का स्वामी, जिम्मेदारी और नियंत्रण को बढ़ाता है। व्यवसाय में सफलता पाने के लिए, कार्य, प्रयास और अवसरों का सही उपयोग करना चाहिए। पारिवारिक भलाई में, रिश्तों और जिम्मेदारियों को समझकर कार्य करना आवश्यक है। लंबी उम्र के लिए स्वस्थ आदतों का पालन करना चाहिए। शनि ग्रह का प्रभाव, जीवन में कठिनाइयों का सामना करने में मदद करता है। व्यवसाय में प्रगति के लिए, कठिन परिश्रम और ईमानदारी का पालन करना चाहिए। परिवार में शांति और भलाई को बढ़ाने के लिए, प्रेम और जिम्मेदारी के साथ कार्य करना चाहिए। लंबी उम्र के लिए स्वस्थ आहार और व्यायाम करना महत्वपूर्ण है। यह श्लोक, कार्य और इसके कारणों को सही तरीके से समझकर, जीवन में सफलता पाने का मार्गदर्शन करता है।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।