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श्लोक : 7 / 24

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
असुर स्वभाव वाले लोगों के लिए, क्रिया का क्या अर्थ है, यह समझ में नहीं आता; और, निष्क्रियता का क्या अर्थ है, यह भी नहीं समझते; उनके पास पवित्रता, अच्छे आचार और सत्यता नहीं होती।
राशी मकर
नक्षत्र श्रवण
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, वित्त, अनुशासन/आदतें
इस श्लोक के आधार पर, मकर राशि में जन्मे लोगों के लिए शनि ग्रह महत्वपूर्ण प्रभाव डालता है। शनि ग्रह की प्रकृति के कारण, इन्हें व्यवसाय में न्यायपूर्ण तरीके से आगे बढ़ना चाहिए। असुर स्वभाव वाले लोगों की तरह, संकीर्ण रास्तों में लाभ की तलाश से बचना चाहिए। व्यवसाय क्षेत्र में ईमानदारी से कार्य करना महत्वपूर्ण है। वित्त प्रबंधन में, असुर गुणों को पार करके, वित्तीय स्थिति को सुधारने के लिए योजनाबद्ध खर्च करना चाहिए। अनुशासन और आदतों में पवित्रता और अच्छे आचार आवश्यक हैं। शनि ग्रह, मकर राशि में, मार्गदर्शन और जिम्मेदारी को बल देता है। इसलिए, व्यवसाय और वित्त क्षेत्रों में दीर्घकालिक सफलता प्राप्त करने के लिए, ईमानदारी से कार्य करना चाहिए। असुर स्वभाव जैसे काम, क्रोध आदि को पार करके, दिव्य गुणों को विकसित करना चाहिए। इससे जीवन में शांति और स्थिरता प्राप्त की जा सकती है।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।