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श्लोक : 29 / 35

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
जो परमात्मा को सभी स्थानों पर समान रूप से देखता है, वह निश्चित रूप से अपने मन से स्वयं को हानि नहीं पहुँचाएगा; इस प्रकार, वह पूर्ण निवास को प्राप्त करेगा।
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र परिवार, स्वास्थ्य, मानसिक स्थिति
इस भगवद गीता श्लोक के आधार पर, मकर राशि में जन्मे लोगों पर शनि ग्रह का प्रभाव बहुत अधिक है। उत्तराध्रा नक्षत्र में जन्मे लोग परिवार के रिश्तों को समान रूप से संभालने में कुशल होते हैं। वे सभी को समान रूप से देखते हैं, जिससे परिवार में शांति बनी रहती है। शनि ग्रह उनके स्वास्थ्य को सुधारता है, लेकिन साथ ही मन की स्थिति को स्थिर रखना चाहिए। मानसिक शांति और आध्यात्मिक विकास उनके लिए महत्वपूर्ण है। परिवार की भलाई को बनाए रखने, स्वास्थ्य को सुधारने, और मन की स्थिति को संतुलित रखने के लिए, परमात्मा को सभी में देखना आवश्यक है। इससे वे जीवन में उन्नति कर सकते हैं। मानसिक शांति और आनंद उनके जीवन की आधारभूत आवश्यकता है। इसे समझकर कार्य करने पर, वे पूर्णता की स्थिति को प्राप्त कर सकते हैं।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।