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श्लोक : 15 / 47

संजय
संजय
भगवान श्री कृष्ण ने अपनी 'पांचजन्य' शंख फूंका; अर्जुन ने अपनी 'देवतत्ता' शंख फूंकी; बलशाली भीम ने अपनी बड़ी 'पौंड्रम' शंख फूंकी।
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, परिवार, मानसिक स्थिति
इस सुलोक में, पांडव अपनी विशिष्टता को शंख फूंकने के माध्यम से प्रकट कर रहे हैं। यह मकर राशि और उत्तराद्रा नक्षत्र से संबंधित है। मकर राशि में जन्मे लोग आमतौर पर अपने व्यवसाय और परिवार में स्थिरता के साथ कार्य करते हैं। उत्तराद्रा नक्षत्र, शनि ग्रह द्वारा शासित है, जो धैर्य और नियंत्रण को दर्शाता है। व्यावसायिक जीवन में, यह सुलोक आपको अपनी विशिष्टता को प्रकट कर आगे बढ़ने के लिए प्रेरित करता है। परिवार में, प्रत्येक व्यक्ति का अपनी पहचान को प्रकट करना महत्वपूर्ण है, जो पारिवारिक संबंधों को मजबूत करता है। मानसिक स्थिति में, शनि ग्रह आपके मानसिक स्थिरता को बढ़ाने में मदद करता है। इससे, आप अपनी मानसिक स्थिति को नियंत्रित कर, अपनी विशिष्टता को प्रकट कर, जीवन में आगे बढ़ सकते हैं। यह सुलोक, आपकी विशिष्टता को प्रकट कर, आपके जीवन के क्षेत्रों में आगे बढ़ने का मार्गदर्शन करता है।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।