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श्लोक : 5 / 34

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
और, मुझमें केवल जीव नहीं हैं; मेरी पूर्णता की स्थिति को थोड़ा देखो; मैं जीवों को बनाए रखता हूँ, उन जीवों का निवास स्थान मैं हूँ; मैं सभी जीवों की गाड़ी हूँ।
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र परिवार, करियर/व्यवसाय, स्वास्थ्य
इस भगवद गीता श्लोक में भगवान कृष्ण अपनी पूर्णता को स्पष्ट करते हैं। मकर राशि और उत्तराद्रा नक्षत्र वाले लोगों के लिए शनि ग्रह का प्रभाव है। शनि ग्रह जीवन में सीमाएँ और जिम्मेदारियाँ महसूस कराता है। परिवार में, मकर राशि वाले अपने रिश्तों का समर्थन करेंगे और उनके लिए सहारा बनेंगे। लेकिन, उन्हें किसी भी रिश्ते में बंधे नहीं रहना चाहिए, यही कृष्ण का उपदेश है। व्यवसाय में, वे कठिन परिश्रम से आगे बढ़ेंगे, लेकिन उसमें बंधे बिना, अपने मानसिक संतुलन को बनाए रखना चाहिए। स्वास्थ्य, शनि ग्रह शारीरिक स्वास्थ्य में कठिनाइयाँ पैदा कर सकता है, इसलिए उन्हें अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखना चाहिए और अच्छे खाने की आदतों का पालन करना चाहिए। कृष्ण की माया शक्ति के माध्यम से, यह दुनिया चलती है, इसलिए उन्हें अपने जीवन को संतुलित करके आत्मविश्वास के साथ आगे बढ़ना चाहिए।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।