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श्लोक : 26 / 30

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
अर्जुन, मैं अतीत, वर्तमान और भविष्य को जानता हूँ; और सभी जीवों को भी मैं जानता हूँ, लेकिन कोई भी मुझे नहीं जान पाएगा।
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, परिवार, स्वास्थ्य
इस भगवद गीता के श्लोक में भगवान कृष्ण कहते हैं कि वह सभी कालों को जानते हैं। इसे आधार मानकर, मकर राशि और उत्तराद्रा नक्षत्र वाले लोगों के लिए शनि ग्रह का प्रभाव महत्वपूर्ण है। व्यवसाय जीवन में शनि ग्रह कठिनाइयाँ पैदा कर सकता है, लेकिन साथ ही यह दीर्घकालिक सफलता की नींव भी रखता है। परिवार के कल्याण में, शनि ग्रह जिम्मेदारियों को उजागर करता है, जिससे पारिवारिक संबंधों में सुधार होता है। स्वास्थ्य में, शनि ग्रह नियमित आदतों का पालन करने के लिए प्रेरित करता है, जो लंबी उम्र का मार्ग है। इस श्लोक के माध्यम से, कृष्ण की परमत्वता को समझकर, जीवन में जिम्मेदारी के साथ कार्य करना चाहिए। व्यवसाय में कठिन परिश्रम, परिवार में जिम्मेदारी और स्वास्थ्य में नियमित आदतें जीवन को सुधारेंगी। कृष्ण के आशीर्वाद से, सभी बाधाओं को पार कर आगे बढ़ा जा सकता है।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।