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श्लोक : 19 / 20

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
भारत कुलत्थवने होकर, संदेह के बिना मुझे बहुत ऊँचा मानने वाला, पूर्ण ज्ञान के साथ है; वह अपने सभी कार्यों को मुझे अर्पित करके मेरी पूजा करता है।
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, वित्त, परिवार
भगवत गीता के 15वें अध्याय के 19वें स्लोक में भगवान श्री कृष्ण अर्जुन से बात कर रहे हैं। इस स्लोक के आधार पर, मकर राशि और उत्तराद्रा नक्षत्र वाले लोगों के लिए शनि ग्रह का प्रभाव महत्वपूर्ण होगा। व्यवसाय, वित्त और परिवार इन तीन क्षेत्रों में इस स्लोक की शिक्षाएँ महत्वपूर्ण रूप से कार्य करेंगी। व्यवसाय में, भगवान को बहुत ऊँचा मानकर सभी कार्यों को उन्हें अर्पित करना व्यवसाय में सफलता पाने में मदद करेगा। वित्तीय प्रबंधन और निवेश में भगवान का आशीर्वाद प्राप्त करके, वित्तीय स्थिति को सुधार सकते हैं। परिवार में, एक के रिश्ते और जिम्मेदारियों को भगवान के मार्गदर्शन के तहत निभाने से परिवार के कल्याण में प्रगति हो सकती है। शनि ग्रह, जिम्मेदारियों और नियंत्रणों पर जोर देने वाला ग्रह है, इसलिए ये जीवन के महत्वपूर्ण क्षेत्रों में स्थिरता लाएगा। भगवान के मार्गदर्शन के तहत कार्य करके, इन क्षेत्रों में पूर्ण लाभ प्राप्त कर सकते हैं।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।