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श्लोक : 20 / 42

भगवान श्री कृष्ण
भगवान श्री कृष्ण
कुडकेशा, मैं सभी जीवों की आत्मा में निवास करता हूँ; वास्तव में, मैं सभी जीवों की शुरुआत, केंद्र और अंत हूँ।
राशी मकर
नक्षत्र उत्तराषाढ़ा
🟣 ग्रह शनि
⚕️ जीवन के क्षेत्र करियर/व्यवसाय, परिवार, स्वास्थ्य
इस भगवद गीता सुलोक में भगवान कृष्ण सभी जीवों की आत्मा होने की व्याख्या करते हैं। मकर राशि और उत्तराद्रा नक्षत्र वाले लोगों के लिए, शनि ग्रह का प्रभाव महत्वपूर्ण है। व्यवसाय जीवन में, शनि ग्रह की स्थिर और मजबूत ऊर्जा, मकर राशि वालों को जिम्मेदार और विश्वसनीय कार्य करने में मदद करती है। परिवार में, वे रिश्तों को बनाए रखने में जिम्मेदार होते हैं। स्वास्थ्य में, शनि ग्रह संतुलित जीवनशैली की सिफारिश करता है, जिससे वे स्वास्थ्य को सुधार सकते हैं। कृष्ण की दिव्य शिक्षा, सभी जीवों के एकता को दर्शाती है, इसलिए व्यवसाय, परिवार और स्वास्थ्य में संतुलन और एकता प्राप्त करना महत्वपूर्ण है। इस सुलोक के माध्यम से, मकर राशि वाले अपने जीवन के सभी क्षेत्रों में दिव्य एकता को समझें और उसके अनुसार कार्य करें।
भगवद गीता की व्याख्याएँ AI द्वारा जनित हैं; उनमें त्रुटियाँ हो सकती हैं।